Xo-man_chapter-3



Chapter_2 में आपने जाना की सभी गांव वाले जागरण ओर पूजा की तैयारी में लगे थे ओर अचानक एक तेज़ रोशनी उपर पहाड़ो से सामने गांव की तरफ आती हुवी दिखाई पड़ती हे जिसे देखकर सभी गांव वाले हैरान हो जाते है

अब आगे

जब वो रोशनी गांव वालों की तरफ आ जाती हे तो सारे गांव वाले उस रोशनी को देखकर डर जाते हे सबको पता चल जाता हे कि वो कोई रोशनी नही बल्की एक राक्षस हे जिस से रोशनी दिखाई पड़ रही थी_ सभी गांव वाले बहुत डरे हुवे थे उन्होने पहले कभी नही ऐसा रक्छस देखा था _ इतने में victor उस राक्षस से पूछता हे।

Victor:- तुम कोन मियां जो उड़ी मारकर इधर आते।

Magner:- में कोई मियां वियां नही मेरा नाम मैग्नर (magner) हे_ मुझे बस एक चीज चाहिए वो लेकर मे यहां से वापस चला जाउंगा

Rimmi:- क्या लेने आए हो

Magner:- उस मूर्ति में लगी छड़ी को लेने आया हूं छड़ी लेकर मे यहां से वापस चला जाउंगा।

सरपंच:- देखो तुम जो भी हो हम ये छड़ी तुम्हे नही दे सकते अगर ये छड़ी तुम्हे दे दिया तो जीतने भी सैतान इस छड़ी के उपर लगे मणि में कैद हे वो सब तुम आजाद कर दोगे

गांव वाले एक साथ बोलते है:- नही देंगे नही देंगे हम ये छड़ी तुम्हे नही देगें

मैग्नर: ठीक हे जैसे तुम्हारी मर्जी

ये कहकर मैग्नर सभी गांव वालो पर अपने Power से हमला कर देता हे ओर सभी गांव वाले इधर उधर भागने लगते हे ओर कुछ लोग भागते वक्त गिर जाते हे अशोका, त्यागी ओर रिम्मी गांव वालो की मदद करते हे।

अशोका रिम्मी से केहता हे:- मुझे इस शैतान को रोकना की होगा नही तो ये सेतान सारे गांव वालो को मारकर छड़ी ले जायेगा तुम गांव वालो की मदद करो_ रिम्मी हां मे सर हिलाता हे ओर गांव वालो की मदद करने मे लग जाता हे।

अशोका त्यागी से कहता हे:= मै उस शैतान का ध्यान भटकाता हूं तुम पीछे वाले पेड़ पे छुप कर अपने उस धनुष से उस पर हमला करो मेरे इशारे पर त्यागी हां में सिर हिलाता हे ओर दौड़कर अपने घर जाता हे_घर जाकर वहां रखे तीर धनुष गुलैल और बहुत सारे कंचे उठा लाता हे ओर आकर पेड़ पर चढ़ के छुप जाता हे। ओर अशोका के इशारे का इंतजार करता हे। अशोका दौड़ कर मैग्नर के सामने आ जाता हे ओर उससे कहता हे।

अशोका:- अबे ओ हड्डी

मैग्नर इधर उधर देखता हे

अशोका:- ओवे घोंचू इधर उधर कहां देख रहे हो नीचे हूं।

मैग्नर अशोका पर अपने Power से हमला कर देता हे अशोका गुलाटी मारकर इधर से उधर चल जाता हे तभी अशोका त्यागी से कहता हे।

अशोका त्यागी से कहता है:- अब

अशोका के इशारे पर त्यागि हमला करने लगता है अपने तीरो से और तीर सीधा जाकर मैग्नर को लगता है ममैग्नर त्यागी से कहता हे

मैग्नर त्यागि से:=> ये मामूली तीरे मेरा कुछ नही बिगाड़ सकती

त्यागी मैग्नर की तरफ देखता हे तभी मैग्नर त्यागी पर भी अपने Power से जोर दार हमला कर देता हे ओर त्यागी पेड़ से सीधा जमीन पर जा गिरता हे यह देखकर अशोका त्यागी की तरफ दौड़ता हे ओर उसको उठाने की कोसिस करता हे_ मैग्नर उस मूर्ति की तरफ जाता हे ओर उस मूर्ति से छड़ी को निकालने की कोशिश करता हे।

इधर जोरदार हमले की वजह से त्यागी को काफी चोटें आई होती हे_ अशोका त्यागी के पास जाकर कहता हे।

अशोका=> त्यागी से:_ उठ जा उठ जा मेरे भाई तुम्हे कुछ नही होगा

त्यागी=> अशोका से:_ मे ठीक हूं मुझे कुछ नहीं हुवा हे बस पैर मे ओर कमर मे थोड़ी मोच आई हे तुम जाओ उस सैतान को रोको अगर वो छड़ी को यहां से ले गया तो वो नर्क के द्वार को खोल देगा जिससे भयंकर किस्म के राक्षस यहां आ जाएंगे।

अशोका उस उस मूर्ति की तरफ दौड़ता हे जिसकी हांतो में छड़ी हे ओर उस मूर्ति के पास जाकर खड़ा हो जाता हे _

अशोका=> सैतान से:_ ओए घोंचू में तुम्हे ये छड़ी ले जाने नहीं दूंगा

मैग्नर=> अशोका से:_ अच्छा रोक सको तो रोक लो मुझे

अशोका जमीन पर इधर उधर देखने लगाता हे कहीं कोई चीज़ उसे मिल जाए जिससे वह मैग्नर को रोक सके उस मूर्ति में लगे छड़ी को निकालने से ओर उसको ठेले पर रखे एक लोहे के रॉड दिखाई पड़ती हे उस रॉड को लेकर वह मैग्नर की तरफ दौड़ता हे तभी अचानक मैग्नर जादुई बिजली से उसे हवा में उठा लेता हे मैग्नर एक हांत से छड़ी को निकालने की कोशिश करता हे ओर दूसरे हाँत से अशोका को अपने बिजली की शक्ती से हवा में लटकाकर रखता हे।

अशोका को लगातार करंट लगने पर वह छटपटा रहा होता हे यह देख त्यागी उठने की कोशिश करता हे ओर अपने धनुष को उठाता हे ओर उसमे तीर को लगाकर जोर से खींचता हे ओर निशाना सीधा मैग्नर की छाती पर लगाता हे ओर को छोड़ देता हे फिर भी उसे कुछ नही होता तभी अशोका कहता हे त्यागी से

अशोका=> त्यागी से:- मणि पर हमला करो

यह सुनकर त्यागी दूसरी तीर को ज़मीन से उठाता हे ओर धनुष पर लगाकर सीधा छड़ी मे लगे मणि पर निशाना साधता हे ओर तीर को छोड़ देता हे तीर सीधा जाकर मणि पर लगाता हे ओर मणि छड़ी से अलग हो जाता हे जो सीधा उड़ कर अशोका की तरफ जाता हे ओर ज़मीन पर गिरने लगाता हे तभी अशोका हवा में ही उस मणि को पकड़ लेता हे
इधर दूसरी तरफ मैग्नर छड़ी को निकालकर अपने हाँतो मे ले लेता हे इधर मैग्नर जोर जोर हंसता हे ओर छड़ी को वहा से लेकर चला जाता हे_ओर अशोका ज़मीन पर गिर जाता हे अशोका जब मुट्ठी खोलकर देखता हे तो मणि उसके हाथों में नहीं होती त्यागी दौड़ कर अशोका के पास आता हे ओर पूछता हे वो मणि कहां गई अशोक बताता हे

अशोका=> त्यागी से:- मैने उस मणि को अपने हाथों में पकड़ा था और जब मुट्ठी खोलकर देखा तो मणि गायब थी ऐसा हो कैसे सकता हे

त्यागी भी हैरान हो जाता हे यह देखकर की मणि अशोका के हाथों से गई कहां????

आखिर वो मणि जा कहां सकती हे क्या मैग्नर उसे अपने साथ ले गया या वो मणि अशोका से लड़ते वक्त वही तबाह हो गया या फिर वो कही गायब हो गया यह सारी बातें जनेंगे हम अगली chapter में Xo-man_chapter-4

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Xo-man chapter 4 

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