Chapter-3 में आपने जाना की magner अशोका से जब लड़ाई करता हे तो लड़ाई करते वक्त मैग्नर अशोका पर अपने पावर से हमला कर देता हे जिससे अशोका के हाथों से मणि कहीं गायब हो जाती हे।
अब आगे:
त्यागी=>अशोका से:- तुम्हारे हांतो से मानी कहां गई
अशोका=> त्यागी से:- पता नहीं जब मैग्नर मुझे अपने बिजली की शक्ति से हवा मे बहुत देर तक लटका रखा था तो तुमने उस मणि पर हमला किया और वो मणि सीधा उड़ कर मेरे पास आई तो जैसे ही मैने उस मणि को पकड़ा तो अचानक मुझे बिजली के झटके लगने बंद हो गए और मैग्नर उस पुतले मे लगी छड़ी को निकाल कर भागा ओर मे यहीं सीधा ज़मीन पर गिरा ओर खड़े होकर जब मेने अपनी मुट्ठी खोली तो क्या देखता हूं की मणि गायब हे।
त्यागी=>अशोका से:- खैर छोड़ो तुम्हारी जान बच गई यही बहुत बड़ी बात हे आओ चलकर गांव वालों की मदद करते हे पंडाल को ठीक भी तो करना हे।
अशोका=>त्यागी से:- हां चलो
Narration: अशोका और त्यागी दोनो हैरान रहते हे वो दोनो सोचते हे आखिर वो मणि कहां गई मगर दोनो को क्या पता थी की वो मणि कहीं ओर नही बल्कि अशोका के ही पास थी अशोका ओर त्यागि दोनो गांव वालों की मदद करने लगे पंडाल को ठीक करने मे ओर जागरण का प्रोग्राम फिर से सुरु करवाया गया सब उस हादसे को भुलाकर ड्रामा देखने में लग गए अब रात काफी जायदा हो गई थी ओर एक बजने वाला था सभी लोग उठकर अपने अपने घर की तरफ सोने के लिए जाने लगे रिम्मी और उसकी सहली भी अपने घर जाने लगी तभी त्यागि अशोका से कहता हे।
त्यागि=> अशोका से:- वो देख तेरी वाली तुझे ही देख रही हे जा उसे good night बोल कर आ
Narration: अशोका दौड़ कर रिम्मी के पास जाता हे ओर उससे कहता हे
अशोका=> रिम्मी से:- घर जा रही हो
रिम्मी=>अशोका से:_ हां प्रोग्राम तो अब खत्म हो गया है अब यहां रहकर क्या करूंगी तो अब चली घर क्यू तुम यहां रातभर रुकोगे
अशोका=> रिम्मी से_ अरे नही मे तो बस ऐसे ही पूछ रहा था वैसे तुम बहुत बहादुर हो।
रिम्मी=> अशोका से:_ कोन मैं.........बहादुर कोन हे ये आज सारे गांव वालों ने देख लिया _ वैसे एक बात बताओ
अशोका=> रिम्मी से:_ हां पूछो
रिम्मी=> अशोका से:_ जब तुम उस सैतान से लड़ रहे थे तो तुम्हे डर नहीं लगा ।
अशोका=> रिम्मी से:_ लगा ना
रिम्मी=> अशोका से:_ फिर तो तुम वहां से भागे नही क्यू ?
अशोका=> रिम्मी से:_ मुझे खुद पर यकीन था कि हम सब उस सैतान को भागा देंगे वैसे तुम ना होती तो गांव वालों की मदद कोन करता इसलिए असली हीरो तुम हो में नही
रिम्मी=> अशोका से:_ अच्छा चलती हूं मेरा घर आ गया अब तुम भी जाओ ओर जाकर सो जाओ good knight
अशोका=> रिम्मी से:_ goog knight सुब्ह मिलते हे
Narration: रिम्मी मुस्कुराते हुवे उसके तरफ़ देखती हे ओर बाए (bay) करते हुए अपने घर के अंदर चल जाती हे_अशोका भी भी वहा से अपने घर चला जाता हे ओर जाकर सो जाता है।
दूसरे दिन जब सुब्ह होती हे तो त्यागि अशोका से मिलने उसके घर आता हे ओर घर आकर वो क्या देखता हे की अशोका अपने पलंग से 2 मीटर उपर हवा मे ही उड़ते हुए सो रहा है ये दृष्य देखकर त्यागी हैरान हो जाता हे ओर जोर से चिल्लाता हे अशोका ओर तुरन्त अशोका की आँखे खुलती हे वो वहीं सीधा अपने पलंग पर गीर जाता हे अशोका कहराते हुवे त्यागी से कहता हे
अशोका=> त्यागी से: यार इतनी जोर से चिल्लाए क्यू देखा ना में गीर गाय
त्यागी=> अशोका से: यार तुम हवा मे सो रहे थे
अशोका=> त्यागी से: क्या तुम सुब्ह सुब्ह मज़ाक कर रहे हो
त्यागी=> अशोका से: अरे यार में मज़ाक नहीं कर रह सच मे मैने तुम्हे अपनी आँखो से तुम्हे हवा मे लटककर सोते देखा तभी मै जोर से चिल्लाया
अशोका=> त्यागी से: क्या सच मे मे हवा मे सो रहा था ?
त्यागी=> अशोका से: हां मेरे भाई सच मे तुम हवा मे सो रहे थे लेकिन ऐसा कैसे हुआ
अशोका=> त्यागी से: पता नहीं
त्यागी=> अशोका से: कल रात जब मैग्नर तुम्हे हवा मे लटकाकर बिजली के झटके मार रहा था तो कहीं उसके वजह से तुम्हारे अंदर पॉवर तो नही आ गई चमगादड़ की तरह हवा मे लटक कर सोने की
अशोका=> त्यागी से: अभी तुम यहां से नही गए तो में तुम्हे चमगादड़ बनाकर हवा मे लटका दूंगा
त्यागी=> अशोका से: गुस्सा क्यू होते हो ठीक हे मे तुम्हारा नीचे wet करता हूं।
Narration: अशोका के मन मे बहुत सारे सवाल उठ रहे थे मणि को लेकर वो सोच रहा था कहीं वो मणि मैग्नर के पास तो नही अगर मैग्नर के पास वो मणि होती तो अबतक वो दूसरी दुनियां के रास्ते को खोल चुका होता मगर ऐसा तो कोई हलचल अभी तक हुआ नही। कहीं वो मणि नष्ट तो नही हो गया या कहीं गायब हो गई हो मैं भी ना ना जानें क्या क्या सोच रहा हूं।_ अशोका अपने घर से बाहर निकलता है तभी त्यागी उसे आवाज़ देता हे
त्यागी_अशोका से=> इधर
अशोका_त्यागी से=> हम कहां जा रहे है।
त्यागी_अशोका से=> उसी जगह जहां पर कल रात तुम्हारी उस शैतान से लड़ाई हुई थी।
Narration: अब दोनों साथ साथ पैदल चलकर उसी जगह पर जाता हे जहां कल रात मैग्नर से लड़ाई हुई थी वहां जाकर अशोका ओर त्यागी मणि को खोजने की कोशिश करता है तभी victor उन दोनों को खोजते वहां आ जाता हे ओर उन दोनों से कहता हे।
Victor_ अशोका ओर त्यागी से=> victor पठान की आवाज़ में ,,,,,,,,ओए खोतिए तुम दोनों इधर क्या खोजता हे।
त्यागी_victor से => आज क्या बन कर आए हो।
Victor_त्यागी से=> ओए खोतिये तुम पठान से सवाल करता हे।
त्यागी_अशोका से=> अच्छा तो आज ये पठान बना हे।
त्यागी _victor से=> ओए पठान
Victor _त्यागी से=> बोल खोतिए
त्यागी _victor से=> इधर आ जल्दी से ओर उस छड़ी मे लगी मोती को खोज जो कल रात मैग्नर से लड़ाई करते वक्त यहीं कहीं गिरी होगी।
Victor _त्यागी से=> आता हूं ओए
Narration: वो लोग तीनों मिलकर उस मोती को खोज रहे थे जो वहां हे ही नहीं बहुत देर खोजने के बाद जब सुबह से शाम हो गई तो वो लोग थक हार कर वो लोग घर जाने लगे।
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