Xo-man_part 01

 Xo-man_part 01




ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है इसके author Mukesh Kumar ने इसे अपनी कलपना से निर्मित किया हे_और यह एक super hero कहानी है जो कि बहुत बड़ी हे इसलिए इस कहानी को episode में बताया गया है तो इसे पढ़े और इसका आनंद ले '


झारखंड में एक गांव था धनबाद वो गांव पूरी तरह जंगलों और पहाड़ो से घिरा हुआ था_उस पहाड़ पर एक आदमी रहता था छोटा सा घर बनाकर जिसका नाम था जोजो वो एक जादूगर था जो छोटे मोटे जादू का खेल दिखाकर अपनी रोजी रोटी चलाया करता था।


जब भी धनबाद में कोई त्योहार आता तो लोग बहुत दूर दूर से आते वहां घूमने और मेला देखने के लिए जोजो भी उस गांव में जाकर अपना जादू का खेल दिखाता उस मेले में सबके दुकानों पर भीड़ होती मगर जोजो के जादू का खेल लोग बहुत कम ही देखते क्यू की जोजो हर बार पुराना जादू ही सबको दिखाता और लोग बार-बार एक ही चीज को देखना पसंद नही करते जोजो जितने भी जादू का खेल को सीखा था उसी के दम पर वो अपना गुजारा करता 


एक दीन धनबाद में एक बहुत बड़ा मेला लगा सिरशा मेला ये मेला बांकी सभी मेलो से अधिक बड़ा और भीड़ वाला मेला था_इस मेले में सभी लोग बहुत दूर दूर से आए थे अपनी दुकान लगाने के लिए मगर जोजो को इस बार अपनी दुकान लगाने के लिए जगह न मिली जोजो जिस जगह पर अपनी दुकान लगाता था उस जगह पर एक कपड़े वाले ने कपड़े का दूकान लगाकर बैठा था_


जोजो ने उस कपड़े वाले दुकानदार से कहा भाई साहब में इस जगह पर बहुत समय से अपनी दुकान लगता आया हूं आप मेरे जगह पर अपनी दुकान लगाए हे_ इस पर उस कपड़े वाले दुकानदार ने कहा देखो भाई साहब मैने अपनी कपड़ो की दिकान लगने के लिए इस ज़मीन के मालिक को पैसे दिए हे आप अपनी दुकान कहीं और लगाएं।


वो निराश होकर उस जगह से हट गया और दूसरी जगह उसे अपना दुकान लगाना पड़ा रोड के किनारे। मेले से काफी दूर रोड के किनारे दुकान लगाने की वजह से इस बार जोजो के जादू का खेल देखने कोई भी आदमी नही आया और इस बार उसकी कमाई भी नहीं हो पाई देखते ही देखते सुभा से शाम होने लगी और मेले का भीड़ कम होने लगा अंधेरा भी काफी जल्दी हो रहा था और सभी लोग अपने-अपने समान को खोलकर पैक करने लगे क्यू की लोगो को बड़ा जंगल और पहाड़ पार कर के अपना-अपना गांव जाना था।


जोजो भी अपने बक्से में जादूगरी के समान को रख रहा था और वो आज बहुत परेशान भी था क्यू की उसके जगह पर किसी और ने दूकान लागा रखा था और जोजो को रोड किनारे दूकान लगने की वजह से उसकी थोडी भी कमाई नहीं हो पाई इसी बात को लेकर उसका मन बहुत उदास था।


अब जोजो ने अपना सारा सामान को पैक कर लिया और अपनी घर की तरफ निकल पड़ा चलते-चलते जोजो जैसे आधे जंगल पार किए अचानक जोजो को आसमान में एक तेज़ रोशनी दिखाई देती हे जो सीधा ज़मीन की तरफ आते हुवे दिखाई पड़ती हे और ज़मीन पर जा गिरती हे_ आस पास की जमीनें भी हील जाती हे उस तेज़ रोशनी को जमीन पर गिरने से जोजो भी गिरने वाला होता हे जमीन हिलने की वजह से लेकीन वो अपने आप को जैसे तैसे संभाल लेता हे_ लेकिन उसकी साईकिल ओर जादूगरी का सामान वही गीर जाता हे।


जोजो अपनी साइकिल को खड़ा करता हे और उस रोशनी की तरफ जाने लगता हे वहां जाकर जोजो देखता हे की एक बड़ा पत्थर आसमान से धरती पर गिरा जिसकी वजह से वहा काफी बड़ा गड्ढा हो गया मगर जोजो ये बात नही जानता था की वो कोई पत्थर नही बल्की एक मेटियोरॉयड हे और जोजो उस गड्ढे के सामने जाता हे ओर जाकर खड़ा हो जाता हे खड़े होकर जोजो उस गढ्ढे में देखने की कोसीस करता हे मगर उसे कुछ साफ साफ दिखाई नहीं पड़ता क्यू की वहा अंधेरा भी बहुत जायदा है।


वो थोड़ा ओर आगे बढ़ता हे ओर देखने की कोसीस करता हे आखिर आसमान से वो चीज़ क्या गिरी सोचता हे जैसे वो थोडा ओर आगे बढ़ता हे_अचानक उसका पैर फिसलता हे ओर जाकर सीधा उसी गढ्ढे में गीर जाता हे बहुत तेज़ी से मेटियोरॉयड गिरने की वजह से वहा की जमीने कमजोर हो गई थी जिसकी वजह से उसका पैर फिसला ओर वो उसी मेटियोरॉयड से टकरा गया।


उस उस मेटियोरॉयड से बहुत सारे कैमिकल बाहर निकल रहे थे जो सीधा जोजो के शरीर से चिपक गए जोजो का पुरा शरीर कैमिकल से लत पत हो गया उसने उस कैमिकल को निकालने की बहुत कोसिस की मगर वो कैमिकल उसके शरीर से अलग ही नही हो रहा था और उस कैमिकल के करण उसके शरीर में बहुत जलन हो रही थी जिसकी वजह से उसका शरीर बहुत जल रहा था उसको बहुत पीड़ा हो रही थी।


जोजो उस गड्ढे से निकलने की बहुत कोसिस कर रहा था मगर वो नही निकल पाया देखते ही देखते जोजो वहां बेहोश हो गया और जो पत्थर आसमान से गिरा था वो भी धीरे धीरे गल कर उसके शरीर में घुस गया दुसरे दिन जब सुबह हुई तो एक लक्कड़हार जंगल में लकड़ी काटने गया वहां जाकर वो लक्कड़हार देखता हे की एक साईकिल खड़ी हे ओर नीचे एक बक्शा गिरा हूवा हे ये देखकर लक्कड़हार उस साईकिल वाले को खोजने की कोशिश करता हे थोड़ा आगे जाने के बाद लक्कड़हार क्या देखता है


आस पास के जंगल की पेड़ो की टहनियां जली हुई हे ओर सामने जमीन पर एक बहुत बड़ा गड्ढा हो गया हे लक्कड़हार उस गड्ढे के सामने बढ़ता हे और वो वहा क्या देखता हे एक आदमी एक आदमी उस गड्ढे में गिरा हूवा हे बेहोशी के हालत में वो लक्कड़हार गांव में जाकर कुछ आदमियों को बुला लाता हे ओर उस जादूगर को उस गड्ढे से निकलने की कोशिश करता है।


गांव वाले उससे इसका करन पूछते है की इतना बड़ा गड्ढा कैसे हुवा वो जादूगर जवाब देता है एक बड़ा पत्थर आसमान से गिरा था जिसकी वजह से इतना बड़ा गड्ढा हो गया गांव वाले कहते हे हमे तो यहां कोई पत्थर नही दिखा इस बात को लोग ignor कर देते हे ओर लोग जोजो को उस गड्ढे से निकलने की कोशिश करते हे।


गड्ढे से निकलने के बाद जोजो अपने घर की तरफ जाने लागा वो जाते जाते पुरा रास्ता यही सोचता हे की आखिर वो बड़ा पत्थर गया तो गया कहां होगा यही बात सोचते सोचते वो अपना घर भी पहुंच जाता हे 


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अगली स्टोरी आपकों part 2 में बताई जाएगी।

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